उत्तराखंड पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन, सेक्टर मजिस्ट्रेट निलंबित, जांच के लिए SIT गठित

उत्तराखंड पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन, सेक्टर मजिस्ट्रेट निलंबित, जांच के लिए SIT गठित

UKSSSC Paper Leak Case

UKSSSC Paper Leak Case

देहरादून: UKSSSC Paper Leak Case: उत्तराखंड में पेपर लीक के मामले को लेकर जहां एक तरफ युवाओं का आक्रोश लगातार बना हुआ है तो दूसरी तरफ सरकार ने भी मामले में सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में अब सरकार ने ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक को निलंबित करने का आदेश जारी किया है.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा स्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित कराये जाने के दौरान पेपर लीक का मामला सुर्खियों में है. मामले में लगातार जहां एक तरफ पेपर लीक से जुड़े लोगों की खोजबीन जारी है तो वहीं इस मामले में लापरवाही करने वालों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में सरकार ने अब जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक केएन तिवारी को निलंबित करने का आदेश जारी किया है.वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इस संदर्भ में निलंबन से जुड़ा आदेश जारी किया है.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सरकार को हरिद्वार के परीक्षा केंद्र में लापरवाही को लेकर कार्रवाई के लिए लिखा था. जिसमें यह कहा गया था कि परियोजना निदेशक के एन तिवारी को परीक्षा में सुचिता बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन जिस तरह से प्रश्न पत्र के तीन पेज केंद्र से बाहर भेजे गए उस हिसाब है कि परीक्षा केंद्र में लापरवाही की गई है. ऐसे में उक्त अधिकारी पर कार्रवाई की जाये.

आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि जिस तरह से पेपर परीक्षा केंद्र से बाहर गया उससे साफ है कि परियोजना निदेशक अपनी जिम्मेदारी निभाने में कामयाब नहीं रहे. उनकी संवेदनशीलता इसमें नहीं दिखाई दी. ऐसे में पेपर लीक मामले में उनकी प्रथम दृष्टया लापरवाही दिखाई देती है. जिसके चलते उन्हें निलंबित किया जाता है.

उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय विभिन्न रिक्त पदों के लिए परीक्षा आहूत की थी. जिसमें परीक्षा केंद्र से पेपर शुरू होने के आधे घंटे में ही प्रश्न पत्र के तीन पेज केंद्र से बाहर आ गए थे. इस मामले में सरकार ने SIT का भी गठन कर दिया है. परीक्षा केंद्र से इन तीन पेज को बाहर भेजने वाले खालिद की भी गिरफ्तारी की जा चुकी है.